बीं रै सिर पर

मोटी सारी गंठड़ी

अर गोदी में नानियो

अेक पग सूं थोड़ी

खुड़ावौ खाती-खाती

आई बस रै नेड़ै।

कंडेक्टर बोल्यो-

'गंठड़ी ऊपर लेयज्या!'

बण नानियै नै

बस मांय

नीचै बिठायो

अर अेक जणै नै

न्यो'रा काढ़'र

गंठड़ी ऊपर झलाई।

इत्तै में डलेवर

बस रवाना कर'र

आगै सिरकाई

नानियो लडबड करतो

नीचै पड्यो...

खुड़ावंती-खुड़ावंती

बा भाजी,

गीगलै नै गोदी लियो

अर कीं नीं बोली,

बस में चढगी!

आज भट्टा पर हफ्तो मिलसी

बिकरी चोखी हूवण री

आस ही उण नै

बा अेक

गिंवारणी ही...

बा कोनीं जाणै ही

महिला सशक्तिकरण रो मतळब

पण ही अेक

सशक्त महिला।

स्रोत
  • पोथी : बेटी ,
  • सिरजक : मनोजकुमार स्वामी ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : Pratham