भूल हरेक सूं हुवै
पण भूल नैं सुधारै कोनी
भूल सूं हार मान’र
गोडा टेक लेवै तो कीं कोनी कर सकै
भूल होवणै सूं कीं सीखणो चाईजै
मन मांय सोचणो चाईजै
भूल कठै अर कियां हुयी?
आगै भूल रो ध्यान राखै।