हू’र नचीतो

मत फैंक

अकूरड़ी पर

दिवलो

आवै दाबतो

उगतै सूरज रा खोज

फेर अंधेरो

नित री राड़

कोनी कर सकै कोई

आडी बाड़

जे चावै

भलो

थारी भोळी दीठ नै

अणभव स्यूं जोड़!

स्रोत
  • पोथी : कन्हैयालाल सेठिया समग्र ,
  • सिरजक : कन्हैया लाल सेठिया ,
  • संस्करण : प्रथम