आजादी आई ही के अठै?

ना रै भाया!

अठै आजादी कठै,

तूं किंयां पूछै?

म्हनैं ठा पड़्यो कै आजादी अठै

अंगरेजा सूं खोस'र ल्याया हा,

गाँधी, नेहरू, तिलक,

सुभाष, भगतसिंह

अर बीजा शहीद

जिण आजादी में

आपां सोरौ सांस लेवां।

बावळो है!

बा आजादी तो आई

का बारैं चमचा अर

हाजरियां सारू

अर बची-खुची खुरचण

अलकारां सारू.!

कामगारां, किरसाणां

अर देस रै

आम आदमी सारू

आजादी कठै?

स्रोत
  • पोथी : बेटी ,
  • सिरजक : मनोजकुमार स्वामी ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : Pratham