बो बींनै

नीं जाणै हो

अर बो

बींनै नीं जाणै हो

बां मांय कोई

बैर नीं हो

बां मांय कोई

दोसती अर दुसमणी रै

बिचाळै रो रिस्तो

भोत ठंडो हुवै

जठै लड़ाई री तो

गुंजाइस नीं हुवै

पछै कियां

बण-बींरै

गोळी मार दी

अर, बण

बीरै?

बींरै

देस रै अखबार मांय

खबर छपी

नूर मुहम्मद देस री

रुखाळी में मार्यो गयो

ठीक बीं खबर री

फोटू-कॉपी

बींरै

देस रै अखबार मांय

बीं रोज

दिनगै-दिनगै आय पूगी

फगत नांव माथै

सफेदी पोत

रतनलाल मांडयोड़ो हो

दो देसां रै

दो घरां मांय

मातम छायग्यो

कैय सकां

दो घरां रै

दो देसां मांय

मातम छायग्यो

देखतां-देखतां

दो देस उजड़ग्या

अर इणनै

अखबार

रुखाळी कैवै।

स्रोत
  • पोथी : म्हैं अन्नदाता कोनी ,
  • सिरजक : रामस्वरूप किसान ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम