म्हैं दियौ हो बिरम भोज
जीम जूठ’र
मराज मांगी
दांत घसाई
जांणै
जीमण सारु
दांळ घस’र
कर्यो होवै
म्हारै पर
अहसान।
स्रोत
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पोथी : राजस्थली मार्च-जून 1996
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सिरजक : राणुसिंह राजपुरोहित
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संपादक : श्याम महर्ष
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प्रकाशक : राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ़ (राजस्थान)