बुलावै सगळां नैं

स्हैर

अर पेटै कर लेवै

रागस री डकार

हमेस सारू

हड़प कर लेवै

गांव अर कस्बा,

अडीकती रैय जावै

केई आसावां

थाकती बडेर उमीदां

अर झरतो रैवे

आंगणै रो नीमड़ो।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली ,
  • सिरजक : किरण राजपुरोहित ‘नितिला’ ,
  • प्रकाशक : राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति श्रीडूंगरगढ