थारी अधपकी

सी ओळयूं आई

खेत में....

म्हूं खेत में खड़ी

कीकरड़ी रै बांथ भरली

सांची में।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक (दूजो सप्तक) ,
  • सिरजक : गौरीशंकर ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन