म्हाँरा लगन टेमे, म्हाँरा बापै, कर्जो लीदौ

ते म्हाँरा बाप ना काट्टा ना टेमे,

व्याज जोड़ी ने नामो नवो कराव्यौ।

म्हारो लाम्बी पाटी वारौ खैतर,

गण्णै लकाव्यौ।

सोरी पण्णावती वखतै बै महुड़ा

ने सोरा नी टेमै तीन आँबा

तारा वईड़ा मँय लकणाँ

ने मारौ अंगूटो कराव्यौ।

बइरो मर्यो तो बै गूदा

ने बोकडो ताणी लइग्यौ।

हाय रे हाय अंगूटा,

तारे काजण, हेठ जी

मातो थइग्यौ।

हेठ जी हाँबर

तारो भीडू, म्हारा घोर मँय हतौ

जारे तो आव्यो, मोरे थईग्यो

ने तारा वईड़ा मँय सोटी ग्यो।

आज तारौ नामौ जमा करावा

म्हारे पाय कय नै हैं। या ले म्हारौ आंगूठौ

एनेस लइजा, योस तारो कर्जो सुकावैगा।

यो ने व्हेगा तो कोरट मएं पण,

तारो वइड्रो नै सालेगा।

भण्यो व्हेतो तो अंगूटो,

तारे हामे ने आवतौ,

तो म्हूं ठगातौ

म्हों तो भील नों भील

तो हेट हेत्तर केवातो।

स्रोत
  • पोथी : वागड़ अंचल री ,
  • सिरजक : अटल उदयपुरी ,
  • संपादक : ज्योतिपुंज ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham