भींत रै उण पार
बा भींत
जिकी खड़ी कीनी ही थे
म्हारै मन रै दुआर
म्हैं कदैई थांनै ओळमो
दियो ई कोनी
थे ईज लगाया म्हारै माथै
इल्जाम हजार
इण पगां मांय
आज भी पैरूं हूं
थांरै नांव रा बिछिया
कंइयां देवूं बिसार
म्हैं ईज गाया गीत
म्हैं ईज करी प्रीत
म्हैं राख्यो दिवलो
थे तो दिया बिसार।