डील तो फिरै म्हारौ
डोलतौ अठी-उठी
पण आत्मा री उडांण
सफा न्यारी
नूंवी बींदणी रा
बळ खाया मारग
चालती जावै
कीं जेज धुंवाड़ै में
पाछी बावड़ै तो भीज्योड़ी
ज्यां समंदर पार कर आयी
कै पसीना घाण हुयौड़ी
जियां देख आयी हुवै
म्हारौ भविस
बैठ जावै
अेक खूणै
अबोली।