आशा रै ऊजास री

कंवळी कूंपळां

हरेक रा हिया में फूटती लखावै

तूटती निराशा री सिलाड़ी

थाकल री हिया-लिलाड़ी में नींगे आवै

तूटता आशा रै सांस रा डोरा

गरिमा री गांठ में घुळता लखावै

थाकोड़ा हिया रौ आंगणौ

छाती री छिंयां सूं

छाईजतौ लखावै

हाका रा हारता हरफ

हूंस रा घौड़ां री

सवारी करता लखावै

दिल दरियाव री दशा देख

मन री मरियोड़ी मछलियां

तपते तावड़ै तिरती लखावै

भूंजीयोड़ा भाव रा भूंगड़ा

प्रेम में पीसीज'र

चा'व री चकियां चखावै

करम रा मरम री कोरणी

अंधारी रात री रा'ड़ी खांच'र

दरद रा दिन रौ मूंडौ देखावै

बोल रा तौल रौ कौल

बात री जात रौ जाचौ जचावै

भरम में भूलिया भौळा

ख्यांत री ख्यात सूं

परम नैं पास में पावै

स्रोत
  • सिरजक : राजेन्द्र बारहठ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी