मारा भाई

मारै आय पाय

आपड़ै वेसमें

केणे कर्या पाला

मुं नती जाणतो।

आम कै जाइंगा?

केटले वैगरे जाइंगा?

मारै थकी खिजाई नै

जुदो थई नै।

जे नै साले नै करवू

जू

मान मारी वात।

तारै नै मारै

धरती नै अँगास एक

वायरो नै उजवारु एक

पाणी नै लुई एक

तारे आम केम।

वाट जूदी भी होय तो हूँ थाय...

आपड़ै पूगवू तो एकस ठेकणे है।

विश्वास ने आवै तो

हामरजे....

एकले...

आपड़ै मईं

हिया नै गीत में मेल है।

अने

बाकी सब खेल है।

स्रोत
  • पोथी : वागड़ अंचल री ,
  • सिरजक : प्रदीप भट्ट ,
  • संपादक : ज्योतिपुंज ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham