आखी दुनिया चावै
आज-काल
रोजीना-नित नुंवा गुण
एक’र तो—कयां-जयां
कांटो काढ़ दे-काम सार दे
पण-जद आपरी ई
बाड़ै को बड़ै नीं
तो—बांदी
कींरा घोड़ा बक्सदे?