रामजी दुनियां में भेज्यो, राम लागै आदमी

आदम री औलाद है, अलाम लागै आदमी

आदमी नै ऊँचो भी, चढ़ाय देवै आदमी

धक्को मार धूळ भी, चटाय देवै आदमी

आडी टैम आडो आवै, आदमी रै आदमी

मोरां लारै छूरी मारै, आदमी रै आदमी

आदम्यां रै भेळी टेम, काट लेवै आदमी

खुद रो थूक्योड़ो थूक, चाट लेवै आदमी

आपरी सरकार में है, आपको ही आदमी

काम निकळ्यां कोनी, सगा बाप को ही आदमी

आदम्यां री भीड़ है पण, लादै कोनी आदमी

आदमी नै आगै भी, आबादे कोनी आदमी

भेळै बैठ पीय लेवै, खाय लेवै आदमी

भूंड देर भूंडी भी, लगाय देवै आदमी

राजी रियां कई काम, सार देवै आदमी

आदमी नै झैर देर, मार देवै आदमी

सांच नै छिपावै, झूठ बोल्यां जावै आदमी

ताकड़ी में कांण कमती, तोल्यां जावै आदमी

आदमी है आदमी सूं, डरतो रेवै आदमी

धापै कोनी माया भेळी, करतो रेवै आदमी

बेटां खातर चूरमा, चढ़ाता रेवै आदमी

कन्या भैण बेट्यां नै, सताता रेवै आदमी

अगाड़ी भी आदमी है, पिछाड़ी भी आदमी

आदमी री जात रो, ‘तिवाड़ी’ भी है आदमी

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : श्रीनिवास तिवाड़ी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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