घपला

गड़बड़ घोटाला

राम भजो

फेरता जाओ

उलटी माळा

खोटा करिया काम

व्हैईग्यो जद

रापट रोळियो

ऐड़-बेंड़ उटपटाँग

मनमते झूड़े

चक छाठौ अर

मस्त रेवे

साँच वात यूँ केवै

गाडराँ री पीठ पै

आयौड़ी ऊन ने

कोई नी छोड़े

राम भजो

चाँदी रो चम्मच

सोना री कटोरी

जो भी हाथै लागै

ले उडो अर

उड़ा मज्यो

कांई के रिया हो

राम धरम राखो

अरे अणी हाथ दो

वणी हाथ लो

झगडो झाँटौ

काम पड़्याँ पै

फेको नोट अर

काढ़ो काँटो,

बन्द दरवाजो

खटाक सूँ खुल जावै

काम व्है जावै

रण सूँ पैली

चाँदी री चकमक

नोटाँ रा तडिंगिया

उछलावै

धन भाग

धरती रा जाया

धरती रा मनखाँ ने

डकारता जावै

भगवान रे घर सूँ

पइसा वाळा लोगाँ ने

मोटी बीमारी लगावै

गरीब गुरबा बापड़ा

कूँकर ऊपरलै पाड़े आवै

जतरो लाम्बो जूतो व्है

वतरी इज जियादा

पालिस छावै

उल्टी गंगा जद वेवण लागै

तो

धाप्या ने धपावै

भूखा ने तरसावै

पाणी नी बरसै जद

अकाल री ओलखाण

नोटाँ री गड्डिया सूँ

निजर आवै

बगला री पाँखा

पाणी में डूबे के नी डूबे

पण

व्हौ एक टाँग पै ऊभौ व्है’र

तपस्या जद करै

उण नै देख अर

भोळी भाळी माछलियाँ

जान सूँ जावै

जै गोपाल / जै हरि

भली करी रे करतार

गंजा ने नाखून दिया

जिणा सूँ आपणी टाट खुजावै

गंगा

यूं व्हैती आई है

यूँ बेवेला

भरी गाड़ी मे सूपडा रो

काई बोझ

पण

आदमी तो आदमखोर व्है’र

जीवैला।

स्रोत
  • पोथी : बदळाव ,
  • सिरजक : वासुदेव चतुर्वेदी ,
  • संपादक : सूर्यशंकर पारीक ,
  • प्रकाशक : सूर्य प्रकाश मन्दिर, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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