थानै मुबारक भायला इण जुग री चाल
होबा दे म्हारो चायै हाल—बेहाल
दूजां सदा बंधाया घण—सघणां ढांढस
कर् या कोनी कदी—कदास पण थूं निहाल
कोनी ठा लाग्यो है कसूर के म्हारो
कर धाप्या सगळी सागी जांच—पड़ताळ
परम्परा तोड़ी, नैम—कायदा तोड़्या
है तोड़—फोड़ जैड़ा फगत थारा कमाल
थारै हर सोच मांय कोरी कुचमादी
कैड़ो थांरो चलण, आ कैड़ी है कुचाल।