महकै अंब मोरावल्यां, डहकै खग म्रग डार।

लहकै कुसमां जुत लता, गहकै भ्रमर गुंजार।

गहकै भ्रमर गुंजार उपमा राग सी।

मनहु रिझावत मदन बजावत बैण सी।

उचरै पिक आलाप सरस ऊँचे सुरां।

गावण रीझ गुलाब करै चिटकी करां॥

स्रोत
  • पोथी : अलवर री खटरितु झमाल ,
  • सिरजक : शिवबक्ष पाल्हावत ,
  • संपादक : नारायण सिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी शोध संस्थान, जोधपुर