जरीतास जरदोज रा पड़दा अतलस पाट।
हेम हल्लबी काम हुय काचां बणै कपाट।
काचां बणै कपाट भली छबि भार री।
दीये दर दीवार क जोति जुहार री।
झळमळ झाड़ गिलास बिचे पड़ि बत्तियां।
समै दिवाळी साज रहै सब रत्तियां॥