इसा बचन सुणि ऊठियौ अंग मोड़े असळाक।
बाध कहै सुण बाधणी तजणौ खेत तलाकं।
तजणौ खेत तलाक कहाऊं केहरी।
सहौं गरज नहिं सीस माथै मेह री।
मरण तणौ भय मानि तज भागवै।
बाध जनम बेकाज लाज कुळ लाजवै॥