सुंदर मायड़ भासा डिंगळ।
जीवण री परिभासा डिंगळ॥
बातां ख्यातां गीत वेलियां,
रामत कामड़ रासा डिंगळ॥
सूर ,सती संतां री वाणी,
जिण री सांस उछासा डिंगळ॥
घणी उडीकां अर ओळूंमय,
रचिया बारहमासा डिंगळ॥
नीर बिरहणी नयणां खळकै,
भर्या भाव चौमासा डिंगळ॥
रज्जब ,सुंदर ,पीपा, मीरा,
जांभा दादूदासा डिंगळ॥
सूरजमल, ईसर बांका री,
बीरां रस री भासा डिंगळ॥
चारण ,बामण ,जाट, बाणियां,
सब जाती री भासा डिंगळ॥
जैपर ,बीकाणा, जोधाणा,
जैसाणा री भासा डिंगळ॥
आवड ,खोडल,करनल मा रा,
परवाड़ा री भासा डिंगळ॥
दुरगा,पातळ,दुरसा,पीथळ,
धाय पना, भामासा डिंगळ॥
सेखावाटी, ढुंढाडी अर,
मारवाड री भासा डिंगळ॥
भाव प्रणव लय छंदों वाळो,
इन्द्र धनुस जळरासा डिंगळ॥
हिचकी, धूमर मूमल ,झेडर,
लोकगीत मुदरा सा डिंगळ॥
ओच्छब, आंसूं,सपनां,यादां,
आसा वळै निरासा डिंगळ॥
तार छेड़ती मन तंतरी रा,
अंतस करै उजासा डिंगळ॥
नरपत नित रसपान करै पण,
मिटै न कविता प्यासा डिंगळ॥