इतरो व्है दातार मानखा थूं म्हां पर

दो गज रो आकास रै'ण दै पांखां पर

वियाणां रो सोर सुणूं तो म्हैं घबराऊं

मत ना बाढो जंगळ सगळा बांथां भर

उड़ जाऊं तो बारखड़ी मांडू म्हैं

थूं परभाती गीत रै'ण दै चांचां पर

टाबर री भोळी आंख्यां नै द्यूं सुपनां

थोड़ी सी प्रीत बै'ण दै आभा पर

खाणो दाणो कर रूंखां रो बंस बधाऊं

भर जाऊं सगळो सूनाड़ो खांचां भर

स्रोत
  • पोथी : अचपळी बातां ,
  • सिरजक : मोहन पुरी ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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