रैवणो घर में पड़ैला कदै जाणी बता

मानखो इण गत मरैला कदै जाणी बता

अेक दूजा सूं गळै मिल सकां छू सकां

हाथ मिलतां डरैला कदै जाणी बता

आपरो आपरै घर आवतां दुसमी लगै

आवतां घर गड़बड़ैला कदै जाणी बता

घर में रै’ता आंतरो गज दोय रो रखणो पड़ै

मास्क बिन घर नीं तजैला कदै जाणी बता

थटाथट बाजार सजिया रैवता हा सास्ता

उठै सन्नटा छवैला कदै जाणी बता

भरतार नै घर बुलावण नै उडाती धण काग ही

आज वै यूं रड़वड़ैला कदै जाणी बता

विपत में मंदिर नै मस्जिद जावणो दुर्लभ हुयो

उठै ताळा जड़ैला कदै जाणी बता

मौत मरतंग री वळा तो मानखो नीं मावतो

दस मिनख सूं दाग व्हैला कदै जाणी बता

स्रोत
  • पोथी : राजस्थली लोकचेतना री राजस्थानी तिमाही ,
  • सिरजक : वीरेन्द लखावत ,
  • संपादक : श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : मरुभूमि शोध संस्थान
जुड़्योड़ा विसै