नित राड़ रा कांटां करै गाडो भरै क्यूं रामजी
लाजां मरां पग-पग अठै आडो फरै क्यूं रामजी
इण आस रै आडावळै सुख चींतबो छेटी हुयो
दुख ठूंस बेमाता हियै लाडो करै क्यूं रामजी
नित माजणा में धूड़ भेळै पाग उछळै देस री
सत काण छूटी चौवटै खाडो करै क्यूं रामजी
सरबो करै आया गियां सूं हेत हिवड़ै पाहुणो
नैणा समद नै बाळ नै नाडो करै क्यूं रामजी