नींद सूं पगलागणी कर आवजै

फेर आछा राज नै घर लावजै

समै भूखां मरै क्यूं आज

नाज कोठां में नूवों भर जावजै

दीठ रा अैनाण सूखै आंख सूं

पीड़ रै सूनै घरां खड़कावजै

हथाळी चांद जोवै सांतरो

सांचली सूरत इणां दरसावजै

मांड सगळी बात हिवड़ै दाझती

जूण सूं कीं सगपणो रळकावजै

आज गोखां चढ गया दातार

हूं बिखै रा गीत सूं मिल गावजै

जागणो व्है कद नूवैं परभात रो

बण दियो थूं रोसणी झुळकावजै

सीप मोती कुण भरै इण समदरां

खेत सागै बाड़ नै हुलरावजै

हेत सींचै आंगणो जद चाव सूं

बीज न्यारा थूं भला थरपावजै

स्रोत
  • पोथी : अचपळी बातां ,
  • सिरजक : मोहन पुरी ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण