मन री पीड़ गिणाणी के

ठौड़ - ठौड़ नित गाणी के

परण पाळ चातक बण नै

धर रो पीणो पाणी के

धीज धार धरती बरणो

खाणी गाणी - माणी के

हँसणो, खिलणो, मिलणो है

मूंछ रीस में ताणी के

फिर-फिर थूक उछाळो क्यूं

इण में आणी - जाणी के

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : राजूराम बिजारणियां