मन री पीड़ गिणाणी के
ठौड़ - ठौड़ नित गाणी के
परण पाळ चातक बण नै
धर रो पीणो पाणी के
धीज धार धरती बरणो
खाणी गाणी - माणी के
हँसणो, खिलणो, मिलणो है
मूंछ रीस में ताणी के
फिर-फिर थूक उछाळो क्यूं
इण में आणी - जाणी के