हिवळासां री बात करौ थे, उदास दिन रात करौ थे?
इण गळियां अंधारौ नाच्यौ, किण उजास री बात करौ थे?
गाज्यौ गहरौ बूंद पड़ी कद, किसी घास री बात करौ थे?
जसमळ जीव लुका नित न्हाटी, थोड़ौ तो विस्वास करौ थे।
दोगल सांड दडूक्या ताडै, सुण मत जीव उदास करौ थे।
ऊ भौ वर्तमान निरवसना, इतिहासां री बात करौ थे।
बो पाणी मुळताण पूगग्यौ क्यूं बाणी रो नाम करौ थे।