गरभ नाळ में पनपै है आ स्रिस्टी सारी
जैर गिलोई डळी ज्यूं क्यूं बेटी लागै खारी
सभ्य गिणीजै वांरै ई निरदय हाथां सूं
उदर मांय टूंपीजै आंगण री किलकारी
अणगिणती री छोर् यां नै तौ आ गिटगी है
कळप रैयी है जलम-जलम री आ दुखियारी
बंगला, बैंक, तिजोर्यां, लॉकर मिल छोरी नै
खतरनाक मानै है, कायनात आ सारी
तीज-तिंवार, तिलक तुलसी अर राखी बिलखै
लूलै-लंगड़ै जीवन में क्यांरी है हुसियारी