बीखो पड़ै जद आप सिर तलवार सूं डरणो पड़ै

मांगै कठै दुख सायरो मनवार सूं डरणो पड़ै

खोटो हुयां पग राज रा देखो बदी आंख्यां लगा

तांबा घड़ी बातां लखो तकरार सूं डरणो पड़ै

डूबै जदां जा लोग खुद रोज खालां मांयनै

घोड़ै चढ खुद बींद बण असवार सूं डरणो पड़ै

जोगी हुयां सूं कीं हुवै थै राम रै जोगा बणो

चेली हुयां तो संत नै घरबार सूं डरणो पड़ै

स्रोत
  • पोथी : अचपळी बातां ,
  • सिरजक : मोहन पुरी ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण