अवल आपाचार री आ नोटबंदी है
तन रै तार-तार री आ नोटबंदी है
धूड़ में मिल जाण नै माजनो जन रो
माल नै चटकार री आ नोटबंदी है
चार पईसो चाकरी में जीण कमायो उण
टूटता घरबार री आ नोटबंदी है
दुरुख में काढै दिहाड़ा जिकां खातिर नीं
छल-कपट फुफकार री आ नोटबंदी है
करी पूंजी बण’र मूंजी कामणी कातर
चिंत रै चितकार री आ नोटबंदी है
धन कियो धोळो मिनख नै पटक नै मोळो
मलफता मगरार री आ नोटबंदी है
दे थथोबो मेल मेळै आज तो थूं पण
काल कतलागार री आ नोटबंदी है
छोड़ सब धंधो खड़ो है लेंण में बंदो
नाव बिन पतवार री आ नोटबंदी है
कर सको नीं कोई ऊजर और नीं दावो
मांय-मांय मार री आ नोटबंदी है