आंखियां रौ बवार देखूंला
धुंध रै आर-पार देखूंला
देखली आपरी अणूताई
आज खुद रौ तुमार देखूंला
जाणै पासौ कदै पलट जावै
दांव म्हैं भी लगा'र देखूंला
नख-निवाई भी आस कोनी है
कांकरा वार वार देखूंला
रात री खाक में है टाबरियौ
आंगणै में उतार देखूंला
मौत, मनवार सूं नहीं मूंगी
जिंदगाणी गुजार देखूंला
वौ बकारै, घड़ी-घड़ी भर में
देखलूंला, अबार देखूंला