पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
पिया, देस की लाज बचाल्योजी, अन्यायां जुल्म बढ़ायो॥
पिया, जो कुछ पैदा करां देस में, सारो लेवैं लूट।
किरसक भूखा मरो भलांई, धेलो मिलै न छूट।
पिया, हुयो राज मतवाळो जी, यो बहोत घणो गरबायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
राजा म्हारो राजकाज की कुछ ना करै सम्हाळ,
दूर देस का चाकर आकर, म्हांनै करै बेहाल।
पिया, इनको काम निराळोजी, घर में बढ़ दखल जमायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
प्रजामंडळ का लोगां जद अणकी खोली पोल,
लूट—पाट अर पक्षपात को चिट्ठो दीन्यो खोल।
पिया, परजा में हुयो उजाळो जी, अणकै घर रोळ मचायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
अठी—उठी का सभी लुटेरा मिल्या अेक दिन आय,
जैपुर मांही होय इकट्ठा सोचण लाग्या उपाय।
पिया, किस विध पोल दाबल्योजी, पाप्यां नै मतो उपायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
जमनालाल सेठ नै अब तो जैपुर मत द्यो आण,
परजा मंडळ बंद कराद्यो सोवो खूंटी तांण।
सोची, यों जुगत मिलाल्यो जी, फिर करस्यां मन को चायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
अण किसाण पंचायत हाळां किरसक दिया जगाय,
जेळां मांय ठूंसो जल्दी नयो कानून बणाय।
पिया, दियो जीभ पर ताळो जी, सभाबंदी तीर बढ़ायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
कानूनां को कवच पहन कर, उठा लिया हथियार,
निर्भय होकर लूटां सदा, हम अेसा कर् ‌यो विचार,
बुद्धि को निकळ्यो दीवाळो जी, यूं सोच जरा न ल्यायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
जद किसाण पंचायत हाळा, बोल्या छाती ठोक,
जेळां नै थांकी भर देवां, सुण पड़्यो उण कै सोक।
'नेतराम' नै जेळ में घाल्यो जी, साध्यां नै भी पकड़ायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
फेर अठी नै परजामंडळ हाळां कर् ‌यो विचार,
परजामंडळ बंद करां ना, आफत सहां हजार।

सब मिल साज सजाल्यो जी, गांधीजी यही बतायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
जमनालाल बजाज सेठ जद कसकर बोल्यो बात,
मैं जैपुर जरूर आऊंगो, रोक्यो रूकूं न स्यात।
दो बर उल्टो घाल्यो जी, तीजी बरियां पकड़ायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
हीरालाल शास्त्री जी और उण का साथी लोग,
उणनै भी पकड़्या जैपुर में हुयो इसो संजोग।
सारां नै पकड़ाल्यो जी, पुलिस फौज को पहरो बिठायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
झुंझनूं और जैपुर मांई लाठ्यां दई चलाय,
और कई गांवां में बहुत सा, भाई पकड़्या जाय।
जूतां सै खाल उड़ाल्यो जी, यूं भारी जुल्म उठायो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
मैणास और झुंझनूं मांई कर् ‌या कमींणा काम,
मां-बहनां पर हाथ उठाकर कर् ‌यो बहुत अपमान।
अन्यायां को मुंह काळो जी, सदा सै होतो आयो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
पंचायत और परजामंडळ मिलकर करैं पुकार,
जैपुर चालां सब भाई अब हो ज्यावो तैयार।
सत्याग्रह शस्त्र सम्हाळो जी, अब पाप बहुत बढ़ आयो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
थांनै जातां डर लागै तो बैठो घर में आय,
सत्याग्रह में म्हे जावांगी सांची द्यां समझाय।
जाती इज्जत बचाल्यो जी, जो सांचा मरद कहावो॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
'पंडित' यो पंचायत हाळो गाणो दियो बणाय,
भाई-बहणां सब मिल गावो, हुयो मोरचा त्यार।
परजामंडळ को बिल्लो लगाल्यो जी, जद नाम अमर कर जाओ॥
पिया, सत्याग्रह में चालोजी, पंचायत बिगुल बजायो।
पिया, देस को मान बचाल्यो जी, अन्यायां जुल्म बढ़ायो॥
स्रोत
  • पोथी : स्वतंत्रता संग्राम गीतांजली / स्वतंत्रता आंदोलन की राजस्थान प्रेरक रचनाएं ,
  • सिरजक : ताड़केश्वर शर्मा ,
  • संपादक : मनोहर प्रभाकर / नारायणसिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : राजस्थान स्वर्ण जयंती समारोह समिति, जयपुर
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