सूतो कांई, जाग संकर्या
लागी लाय भाग संकर्या।
याद थँनै छै, जाणू छूँ म्हूँ
असी कसी कुण की करतूताँ
कुण नै मारा कुण नै डाँटां
कतना नांव बता कूंतां,
वै ई पराणा राग संकर्या
न्याळा—न्याळा भाग संकर्या।
जाणूँ छूँ बरडा को डूँगर
खेत बना द्यो फसल उगाई
कस्यो लेख विधाता लिखग्या
थारै हाथां फाड न्हँ आई
साँस खा ई ठाम संकर्या
मरद छै थारो नांव संकर्या।
धरती छै फैरूँ नपजैगी
थारा सारा दु:ख हर लैगी
कपटी का सगळा बाडा ईं
या ई मट्यामेट करैगी।
ईं की माटी फाँक संकर्या
लाम्बा थारा हाथ संकर्या।