मोहन बळ तणी बात महियळ,

लखियो नकूं कोई लवलेश।

डिगतो बहयो डांग कळ डोकर,

अधपतियां करियो आदेश॥

बीजो बुद्ध अवतरियो बसुधा,

अहिंसा तणो उपासक आप।

गुणधर पाण विनाशक गोरां,

पराधीनता काटण पाप॥

मंडियो चादर तणो मोरचो,

पाधर गजब रोपिया पांव।

लांठै मिनख धार लंगोटी,

दियो नाय हीणो इक दाव॥

मनशुद्ध डांग सुदर्शन माफक,

दाटक साव उगाड़ै डील

धुर धिन मरद अहिंसा धारी,

हिरदै दी गोरां रै हील॥

भिळनै दुरंग फिरंगी भारत,

जड़दी कंस देवकी जेळ।

मोहन मरद रूप मोहन रै,

अणडर आयो करण उबेल॥

तटकै जदै गुलामी ताळा,

झड़पड़िया सारा जोर।

डिगती उठि भारत डोकरड़ी,

सांप्रत मोहन तणै सजोर॥

कातण तार केसरिया कर सूं,

अजरो धार अरटियो आप।

हर-जन तणो हरण दुख हेतु,

तण उण मरद मिटायो ताप॥

सचमन पीड़ सबां री समझण,

नर उण देश लियो पग नाप।

सुभग संदेशो सबां स्नेही,

जपियो वैष्णव जन रो जाप॥

परम धरम परहित रो पेखो,

भळै तजो करणी भींट।

मोहन कहियो यूं मिनखां नै,

नर तन मिल्यो अमोलख नींठ॥

सत रो पाळक अनै साहसी,

निर्लोभी नर बडो निरभीक।

त्यागी पुरस दीनां रो तारक,

लेस लिवी कपट री लीक॥

परहर कूड़ पकड़ सत पासो,

धूतां लार बगाई धूड़।

आत्मबळ रै पाण अनड़ उण,

जोर फिरंगी दीनो झूड़॥

सत रै पाण झुकाया शासक,

डग भर अरि डराया डैण।

सत रै पाण सरबजन व्हालै,

सत रै पाण लुभाया सैण॥

गात ढकण कोई गाभो,

तिण साम्हीं झुकिया जग ताज

आत्मविश्वास अनै अनुशासी,

सुखराशी लाइयो स्वराज॥

कथणी करणी भेद कोई,

बहणी रहणी इक ही वाट।

साच अहिंसा धार सुरमै,

कष्ट दियो भारत रो काट॥

महापुरस कळजुग रो मोटो,

वाह बजाई सतजुग बार।

जोगापणै दिया हद झोखा,

कीधा मरद अनोखा काम॥

न्याती धरम प्रांत सूं न्यारौ,

प्यारो सदा सबां नै पूर।

दिन-दिन सदा दीपतो दीसै,

नर धिन मोहन थारो नूर॥

मनशुद्ध करम किया नित मोटा,

मनशुद्ध देश महात्मा मान

गांधी सकळ देश रो गौरव,

जाणै मानै सकळ जहान॥

विचलित नाय हुवो मन विखमी,

नर नित रख्या इरादा नेक।

धिन-धिन महावरत रो धारी,

तण नित गही निभाई टेक॥

खुद रो काम कियो कर खुद रै,

सबनै दिवी स्वालंब सीख।

नह असलाक रख्यो अंग नैड़ो,

तिण मोहन राखी निज टेक॥

दीन-हीन दुरबळियां पख में,

सामरथपणै पाळियो सीर।

गोरां गरब गाळियो गांधी,

संकट बंकट सदा सधीर॥

भू इण घणा महात्मा भइया,

बातां ज्यांरी वसु बेजोड़।

मीनमेख इण में नह मानूं,

सबसूं है मोहन सिरमोड़॥

स्रोत
  • पोथी : आजादी रा भागीरथ : गांधी ,
  • सिरजक : गिरधरदान रतनू दासोड़ी ,
  • संपादक : वेद व्यास , श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति ,
  • संस्करण : 1