आज पेर ले नवी कसूमल ओढणी
रण जीत्या तो फेर मलांला गोरड़ी
लगनी लंहगो लाल कांचळी पोळी ए।
हाथा मेंहदी मांड खूब भड़कीली ए।
काढ़ काजली रेख आज तीखी-तीखी
मुखड़ा पे मळकाव कळयां चटीकीली ए।
हरख हीवड़े राख आंख नीं ढोरणी
रणजीत्या तो फेर मलांला गोरड़ी।
नाके नथड़ी घाळ हीरला वारी ए
माथे रखड़ी बांध रोज सूं न्यारी ए
काना में कनफूल पेर ने परणेती
हाम वींदणी वाळी करले त्यारी ए
धीरज रो धन राख साख नीं खोवणी
रणजीत्या तो फेर मलांला गोरड़ी॥
मांग पूर ने पेर दांत रो चूड़ो ए
अंबोड़ा पे बांध मोतिया जूड़ो ए
गळे बजन्टी पगल्यां में रसझोल चढ़ा
माथा पे दमकाव चांदलो रूड़ो ए
आज पदमणी बणजा म्हारी मोरणी।
रण जीत्या तो फेर सलांला गोरड़ी॥
तलक टपकता अंगोठा सूं करदे ए
दो नाळी बंदूक हाथ सूं भर दे ए
भुजा फड़कती आज मांड री टेर सुणा
नसां तड़कती जाय लाय वा भर द ए
बांध कटारी कमर करे नीं बोहणी।
रणजीत्या तो फेर मलांला गोरड़ी॥
आज पड़्यो मरदां रो रण में हेलो ए
होड़ लाग री पूगेला कुण पूगेला कुण पेलो ए
झट कर ले सिणगार हाथ में बिड़लो दे
घणा दनां सूं खुल्यो सुण रो गेलो ए
पल पल मूंगो जाय गांठनी गोरणी।
रण जीत्या तो फेर मलांला गोरडी॥
अबे किसी गणगोर किसी दीवाळी ए
वेर्या बारा मासी होळी बाळी ए
आज धरम ने जगा मरग ने बळवा दे
भर्या नैण सूं आज मावड़ी न्हाली ए
घोड़े चढ़ती दाण किसी झकझोरणी।
रण जीत्या तो फेर मलांला गोरड़ी।
आज सत्यां रे सत री लाज निभादे ए
कठन केसर्यां करणी याद दिवादे ए
आज सिंघणी रूप बता कामणगारी
आज कोई अणदीधी आण घला दे ए
अठे खप्या तो वठै अमर गठ जोड़णी
रण जीत्या तो फेर मलांला गोरड़ी।