मारणियां नै मिळै जमानत तारणियां जेळां जावै
थकां रुखाळी आज जावण्यां लूट-लूट मिनक्यां खावै
फिरै बजारां बीज हिरणिया,
हिड़क्या कुत्ता लारै है
जोखम सगळी झैल ज्यान की,
फेर किस्या अै धारै है
जद जद भी अब जौहर होवै मोत गंडकां की आवै
थकां रुखाळी आज जावण्यां लूट-लूट मिनक्यां खावै
खेत रुखाळयां अबकी पड़गी,
अणगिणती रोझड़ हूग्या
बाडां डाकै थकां जागता,
ठा नीं कणा’र कद पूग्या
मौत हथैली मांय खुराळा सामां कर-कर गरणावै
थकां रुखाळी आज जावण्यां लूट-लूट मिनक्यां खावै
साच गवाही बिन कूड़ो है,
कूड़ी साची हूय रिवी,
पीयोड़ो जे टंटो करलै
साबित कर म्हैं कद पीवी
गुंडागरदी आदर जोगी सीधा साधा दुख पावै
थकां रुखाळी आज जावण्यां लूट-लूट मिनक्यां खावै
मिनखपणो मरग्यो जगति में,
दस-दस माथा रा जलमै
झोलीज्योड़ा न्हाक’र घाणी,
तेल सोधरया ज्यूं खळ में
खावै-पीवै सैंग खसम रो गुण पिहरिये रा गावै
थकां रुखाळी आज जावण्यां लूट-लूट मिनक्यां खावै
बेटी नै अब बाप लूटलै,
राखी बंध फाकी देदै
मावां रै काळजियै नैं अै,
ओदर लोटयोड़ा छेदै
हाथ-हाथ नैं खाय रियो है, देख कणकती अरड़ावै
थकां रुखाली आज जावण्यां लूट-लूट मिनक्यां खावै
कतरा दिन औ देस धिकैलो,
पिरथी परलो नित होवै
देख आपणी राफट रोळी,
भारत माता भी रोवै
हिया फूटयोड़ा अकलबायरा पगां कुवाड़ी खुद बावै
थकां रुखाळी आज जावण्यां लूट-लूट मिनक्यां खावै।