थारी ओळ्यूं घणी आवै
म्हारा धोरां वाळा देस।
धोरां वाळा देस औ
म्हारा नखराळा देस॥
थारी ओळ्यूं
बै अन धन स्यूँ भर्या आँगणा
भींच मंड्या चितराम।
पोळी-पोळी इमरत बरणो
हेतु पळै सुख धाम॥
म्हारा धोरां वाळा...
दूध, चूँटियो छाछ-राबड़ी
बै बाट्याँ बा दाळ।
घी डूबी बाजार री रोट्याँ
बै काँसी रा थाळ॥
म्हारा धोरां वाळा...
साँगर, टींडा, बड़ी, मतीरी
फळी-फोफळिया साग।
देळी आवै, भोग लगावै
देव सरावै भाग॥
म्हारा धोरां वाळा...
नैण बस्या बै टीबा ऊँचा
चिलकै सोनल रेत।
सीटा, काचर, बोर, मतीरा
हर्या-भर्या बै खेत॥
म्हारा धोरां वाळा...
रोही रो सिणगार खींप
जांट्याँ, झाड़्याँ अ'र' फोग।
खोखो, मेवो मरु भोम रो
कह्वै बडेरा लोग॥
म्हारा धोरां वाळा...
गळै बाजती घण्ट्याँ प्यारी
फिरै गोधूळी ढोर।
लीलटाँस, कुरजां, कम्मेड़ी
छतरी ताण्याँ मोर॥
म्हारा धोरां वाळा...
बै पिणघट, बै कुंआ-बावड़ी
बै उसारण, बा लाव।
बै जोहड़ा, जोहड़ाँ री बुंगल्याँ
बै ढ़ाण्याँ, बै गाँव॥
म्हारा धोरां वाळा...
तीज त्यूँहारां गळ्याँ-गळ्याँ
गूँजै मनभावण गीत।
मेळै-खेळै फळै घणेरी
अपणायत री रीत॥
म्हारा धोरां वाळा...
जैपर, जोधाणो, बीकाणो
आबू गढ़ आमेर।
कीरत खामो खड़्यो चितोड़ाँ
हाँगो साँगानेर॥
म्हारा धोरां वाळा...
लोहागर, पुस्कर, कोलायत
गळता जी सिरमोर।
सालासर हड़मान बिराजै
गणपत रणथम्भोर॥
म्हारा धोरां वाळा...
रूँणीचै रो राम देवरो
झूंझण दादी नाम।
डूँगर वाळी जींवण माता
खाटू बाबो स्याम॥
म्हारा धोरां वाळा...
जागण जुम्मा देव सिमरणा
धन-धन माणस जूण।
फड़ बाँचै जद भोपा-भोपी
हो आणद सौ गूण॥
म्हारा धोरां वाळा....
जिण माटी रो कण-कण गावै
सूर-सत्याँ रा गान।
रावणहतै, अलगोजाँ री
गूँजै हिवड़ै तान॥
म्हारा धोरां वाळा...
नर-नाहर साँगा, राणा जी
कुम्भा, दुरगा दास।
लोही आखर लेख लिख्या
बै ख्याताँ करी उजास॥
म्हारा धोरां वाळा...
बेटो पन्ना धाय कटायो
हाडी सीस भिजायो।
धन पदमण धन जौहर ज्वाला
माटी मान बढ़ायो॥
म्हारा धोरां वाळा....
जोत प्रेम री रामू-चनणा
मूमल मधरा गान।
भगती मेड़तणी मीरां री
भामा सा रो दान॥
म्हारा धोरां वाळा...
गुरु वसिष्ठ जिण धरती तपिया
सूरसत दीन्यो ग्यान।
बीँ मरुधरियै रै सत-बळ रो
आभै उड़ै निसान॥
म्हारा धोरां वाळा...