नाना नाना डूंगरा नैं, मोटी-मोटी वातें।
आवो मारा डूंगरपुर, जोवों आवी जातें।
सोमनाथ मयी देव रम्ही, गलियाकोट में पीर।
श्री नाथ देव विराजित है, गेपसागर ना तीर।
कोई केनू घरम न पुसें, कोई न पूसें जात।
प्रेम बाव सब मानवी मयी, डूंगरपुर नी वात।
नाना नाना...
अरे आवो...
ईद नी अमें ईदी वाटं होली ना सब रंग।
हंसत, गात, रमत, खेलत, रेवा ना सब ढंग।
दिवारी ते अली मनावे, रोजअ राके राम।
सब धर्मों न संगम वारो, पुण्य डूंगरपुर धाम।
नाना नाना...
अरे आवो...
साफ सुथरूं अमे रेवा हिक्या सौचालय सब घेर।
डाबूं लईने जावूं भुलया जाता हाजं हवार।
मलक मलक मयं डंकों वाज्यो साफ सुथरा नो आज।
देकया अेवा नवाईना दाडा अवे डूंगरपुर पेरे ताज।
नाना नाना...
अरे आवो
नाना भाई ने हाते हाते काली बाई ने वातें।
बेणेस्वर नो बेणकों तो मावजी महाराज ने खाते।
माही सोम जाखम मलया रमतू पाणीं गावे।
महाकुंभ दर्शन हारू मलक ना मनका आवें।
नाना नाना...
अरे आवो...
विजवा माता वायरो कापे शीतला माता शांति।
अमजरा नो इतिहास आदि गवरी बाई नी थाति।
धन माता नो धन्य गणो है फतहगढी हनुमान।
वागड़ डूंगरी बैठी माता वागड़ नो है मान।
नाना नाना...
अरे आवो...