मिनखां रा मेळा में, गांधी रो नाम।

भारत में जलम लियो, कळजुग रा राम॥

धारती पै सुपनां रा, पलट रिया रंग

गांव-गांव बाज रिया, खुसियां रा चंग

बाड़ी में उतरया है, रितुवां रा राज

धोरां में बिखरया है, सूरज रा ताज

कूंट-कूंट दीसै है, गांधी रो नाम।

भारत में जलम लियो, कळजुग रा राम॥

आसा रा आकासां, सगळां रो जोर

जनता रा जीवण सें, भावां री डोर

पुरवाई बांच रही, अखियातां आज

बारखड़ी मंडिया है, जोगी रा काज

थान-थान परचा दै, गांधी रो नाम।

भारत में जलम लियो, कळजुग रा राम॥

अेक भांत लागै है, करमां री लैण

डबडबिया करसां रा, कमतरिया नैण

पालरियै पाणी री, काची मिठियास

थाकोड़ा सैणां री, सांची अरदास

लैर-लैर ताळी दै, गांधी रो नाम।

भारत में जलम लियो, कळजुग रा राम॥

भरमीजी ग्वाड़ी में, अकलां री धूप

गामियोड़ी लीकां में, जोती रा रूप

पीतळ री थाळी में, सोने री मेख

ऊंडै पाताळां में, सिरजण रो रेख

सांस-सांस धड़कै है, गांधी रो नाम।

भारत में जलम लियो, कळजुग रा राम॥

लोकराज थारी ही, माया रो मोल

थारी मरजादा में, कमती सै बोल

तीन लोक थरपण है, थांरी ललकार

हिवड़ै में उतर गियो, गुणियां रो सार

जलम-मरण बीच बस्यो, गांधी रो नाम।

भारत में जलम लियो, कळजुग रा राम॥

पाप-पुन्न नैना है, जिणरै दरबार

अणगिण गाथावां रा, जिणरै संसार

बांध दिया सत री, सीमावां रा ओड़

नवजुग री धारा रो, रूपाळो मोड़

लीक-लीक रचियोड़ो, गांधी रो नाम।

भारत में जलम लियो, कळजुग रा राम॥

स्रोत
  • पोथी : आजादी रा भागीरथ : गांधी ,
  • सिरजक : वेद व्यास ,
  • संपादक : वेद व्यास , श्याम महर्षि ,
  • प्रकाशक : राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति ,
  • संस्करण : 1