कर गोलीपो गोडा गाळ्या
पर पापी पेट पळ्यो कोनी।
माँ-बाप सदा कैतां-कैतां,
म्हारी तो सगळी जीभ घसी।
थारै ई मै’लां रै नीचै
म्हारी तो लास्यां निरी धंसी।
अै है! ओ मकराणो कोनी,
बै हाड़ चिण्योड़ा चमकै है।
थे मोस जिकां नै काट बण्या,
बै पड़्या बापड़ा सिसकै है।
लोई री चाट लग्यो मूंडो,
बो थांरो हाल ठर्यो कोनी।
ल्यो पत्थर री खाण्यां देखो,
मजदूर कुदाली बावै है।
परसीणो मिल्योड़ा पत्थर,
चांदी री थेल्यां तावै है।
पण मजदूरी देती बिर्यां,
थोथो अैसाण जतावै है।
भूलो रूप्यां री खण-खण में
अै कमा-कमा कुण लावै है?
थो लाव-लाव रो लाग्योड़ो,
बो कोसा रोग गयो कोनी।
थांरा धमीड़ सैंता-सैंता
दादा-पड़दादा सै चलग्या।
भारी बगस्यां ढोतां-ढोतां,
केस टाट रा सै झड़ग्या।
म्हे पचां मरां, थे मोज करो;
जद देखां थानै हीव बलै।
रसगुल्ला खावै गंडकड़ा,
म्हारै तो बंधगी भूख गळै।
गळै घातियो थे फंदो,
बो म्हारै हाल कट्यो कोनी।
लात्यां रा भूत बण्या सगळा
कद मानै मीठी बात्यां सूँ?
तो भूखा मिनख सुधारैला,
थानै हाड़ां री लाठ्यां सूं।
जद गिण-गिण म्हे बदळा लेस्यां,
तरसो-ला रोटी-पाणी नै,
मै’लां रा सपना आवैला।
रूस-चीन में मूंज बळी,
बंट थांरा हाल बळ्या कोनी।
कर गोलीपो गोडा गाळ्या
पर पापी पेट पळ्यो कोनी॥