चिड़ी कागला तज्या रूंखड़ा,
तज्या बैलियां, ठांण,
अब तौ हाळी जाग, पुरबियौ,
रासां लीन्हीं तांण।
घटोल्या, घड़ घड़ घूं बोलै,
चरखला, चड़ चड़ चूं बोले।
गटर गटरगूं करै कबूतर,
माथै चढ़ बोलै।
मीठा बोलै मोरिया,
कड़वा बोलै काग,
जाग्योड़ां रा बारणा नै,
सूतोड़ां नंफाग।
सहेल्यां धुस-भुस, घुस ओलै,
करै बातां होळै होळै,
गाफल सूती गोरडी नै,
मोसा कुण बोलै।
मुदरौ हालै बायरौ नै,
नीन्द हुई बदरंग,
घूमर घालै गोरड्यां,
पिचकारियां छौड़ै रंग।
चंग यूं चाव चढी बोलै,
मजीरा मीठा-गट बोलै,
झाँझर रा झिणकारा झबरा,
ठुमक ठुमक डोलै,
मीठी लागै बाजरी,
खाटा काचर बोर,
मरदां मूंछौ कड़प लगायौ,
मेंहन्दी दी कणगोर।
जवानी सुपनां में झलै,
नैण सिणकार्यां में बोले,
लुक छुप लुक छुप करै निजारा,
इमरत ज्यूं घोलै।