जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
Quick Links
जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
ठग्यो ठगायो जन रुघा
स्वामी रुघनाथदास
Favourite
Share
Share
ठग्यो
ठगायो
जन
रुघा,
दीयो
माल
लगाई।
जन
हरीदास
के
चरण
सूं
,
रह्यो
भगत
लपटाइ॥
स्रोत
पोथी
: श्री महाराज हरिदासजी की वाणी सटिप्पणी (हरीदास की परचई)
,
सिरजक
: स्वामी रुघनाथदास
,
संपादक
: मंगलदास स्वामी
,
प्रकाशक
: निखिल भारतीय निरंजनी महासभा,दादू महाविद्यालय मोती डूंगरी रोड़, जयपुर
,
संस्करण
: प्रथम