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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
श्री गुरु पद वंदन करूं
बृजदासी रानी बांकावती
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श्री
गुरु
पद
वंदन
करूं,
प्रथमहिं
करूँ
उछाह।
दंपति
गुरु
तिहुँ
की
कृपा,
करो
सकल
मो
चाह॥
स्रोत
पोथी
: मध्यकालीन कवयित्रियों की काव्य साधना
,
सिरजक
: बृजदासी रानी बांकावती
,
संपादक
: उषा कंवर राठौड़
,
प्रकाशक
: महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केन्द्र, दुर्ग, जोधपुर।