सेरी पाड़ै समर में, पटकै जठै पमंग।

मरदपणौ लख मांन रौ, दुनिया रै’गी दंग॥

युद्ध में जिधर भी वह अपना घोड़ा झोंक देता है उधर शत्रु सेना में एक रास्ता सा बन जाता है- कारण कि उसके सामने पड़ने वाले विपक्षी सैनिक उसके आगे टिक ही नहीं पाते। भयभीत होकर वे उसके सामने से भाग छूटते है, जिससे उसके सामने एक और खाली रास्ता सा बन जाता है। इस भीषण युद्ध में झाला मान का अद्भुत शौर्य देख कर दुनिया दंग रह गई॥

स्रोत
  • पोथी : नारायण-विनोद ,
  • सिरजक : नारायण सिंह जोधा