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सावण साजन रै हियै
कविता किरण
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सावण
साजन
रै
हियै,
प्रीत
रह्यौ
उमड़ाय।
तन
माया
रै
जाळ
में,
मन
मुरलीधर
मांय॥
स्रोत
पोथी
: सूळी ऊपर सेज
,
सिरजक
: कविता किरण
,
प्रकाशक
: बोधि प्रकाशन