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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
रिण कृसान अरु सत्रु को
उम्मेदराम बारहठ
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रिण
कृसान
अरु
सत्रु
को,
सेस
बढ़े
दुख
देत।
याते
सेसन
छाडिये,
यहै
नीति
को
हेत॥
स्रोत
पोथी
: उम्मेद ग्रंथावली
,
सिरजक
: उम्मेदराम बारहठ
,
संपादक
: मंजुला बारैठ
,
प्रकाशक
: कलासन प्रकाशन, बीकानेर।
,
संस्करण
: प्रथम