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धधक धधक बरस्यो जतो, घण अम्बर सूँ आग।भभक भभक भभक्यो उतो, बाँबी-छेड़यो नाग॥2वैड़ो वैड़ो ही खड्यो, रहयो गिरातो गाज।किम्मत घटी न रंच भी, हिम्मत तो पै नाज॥