प्रथम काज करता सुखी, अरध सुखी ततकाल।

करि हैं करि हैं जो करैं, होय दुखी बुधिवाल॥

स्रोत
  • पोथी : भाषा चाणक्य (उम्मेद ग्रंथावली) ,
  • सिरजक : उम्मेदराम बारहठ ,
  • संपादक : मंजुला बारैठ ,
  • प्रकाशक : कलासन प्रकाशन, बीकानेर। ,
  • संस्करण : प्रथम