पाणी बिन तिरसो मिनख, तिरसा दरखत झाड़।

पण इत्तो भी मत बरस, के जावै बाढ़॥

स्रोत
  • पोथी : सूळी ऊपर सेज ,
  • सिरजक : कविता किरण ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन